सदर अस्पताल में एमडीए अभियान को लेकर दिया गया प्रशिक्षण


-सभी अस्पतालों के प्रभारी, बीएचएम और बीएसएम प्रशिक्षण में हुए शामिल

-प्रशिक्षण लेने वाले स्वास्थ्यकर्मी अपने मातहत काम करने वालों को  देंगे प्रशिक्षण


भागलपुर, 19 जनवरी-


 फाइलेरिया से मुक्ति के लिए आगामी 10 फरवरी से जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इसके तहत जिले के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलायी जानी है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुट गया है। इसी के तहत गुरुवार को सदर अस्पताल सभागार में जिले के सभी अस्पतालों के प्रभारी, बीएचएम और बीसीएम को प्रशिक्षण देने का काम किया गया । प्रशिक्षण के दौरान जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ, वेक्टर डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी रविकांत और केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने सभी लोगों को जिले में किस तरह एमडीए अभियान को सफल बनाना है, इसकी जानकारी दी।

डॉ. दीनानाथ ने बताया कि पिछले दिनों नाइट ब्लड सर्वे के दौरान जिस प्रखंड में एक प्रतिशत या इससे अधिक केस मिले हैं, वहां अभियान चलाया जाएगा। सन्हौला, रंगरा चौक, इस्माइलपुर और नवगछिया प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एक प्रतिशत से भी कम केस मिले हैं, इसलिए इन प्रखंडों में अभियान नहीं चलाया जाएगा। इसके अलावा जिले के जितने भी प्रखंड हैं और शहरी क्षेत्र में यह अभियान चलाया जाएगा। डॉ. दीनानाथ ने बताया कि प्रशिक्षण ले रहे लोग अपने क्षेत्र में जाकर यहां सीखी हुई बातों का प्रशिक्षण अपने मातहत काम करने वाले लोगों को देंगे, जिससे कि अभियान को सफल बनाया जाएगा।

दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलाई जाएगी दवाः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा खिलाने के लिए तीन वर्ग निर्धारित किए गए हैं। दो से पांच साल वाले लोगों के लिए एक वर्ग, छह से 14 साल वाले लोगों के लिए अलग वर्ग और 15 साल से ऊपर के लोगों के लिए अलग वर्ग बनाया गया है। इन तीनों ही वर्ग के लोगों के लिए दवा की अलग-अलग डोज बनायी  गयी  है। जिसकी जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी  गयी । दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खिलाई जाएगी।

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी ( वीडीसीओ ) रविकांत ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। इसके साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। 

अभियान से पहले आशा कार्यकर्ता करेंगी लाइन लिस्टिंगः केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि अभियान से पहले क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता लाइन लिस्टिंग करेंगी। इससे अभियान के दौरान एक-एक लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इससे यह जानकारी रहेगी कि किस घर में कितने लोग हैं। यह जानकारी रहने पर अभियान के दौरान कोई भी व्यक्ति छूट नहीं पाएगा। आशा कार्यकर्ता अपने रजिस्टर से मिलान कर घर के लोगों को दवा खिलाएंगी।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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