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जीविका दीदियों को टीबी के बारे में किया गया जागरूक
-सबौर के बाबूपुर में पर्सपेक्टिव बिल्डिंग ट्रेनिंग का आयोजन
-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीटी ने किया आयोजित
भागलपुर-
सबौर के बाबूपुर मोड़ स्थित जिज्ञासा भवन में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने पर्सपेक्टिव बिल्डिंग ट्रेनिंग का आयोजन किया। यह ट्रेनिंग दो दिनों तक चलेगी। इसमें फतेहपुर, बरारी और खनकित्ता पंचायत की 29 जीविका दीदी शामिल हुईं। ट्रेनिंग देने का काम सीसी मुकेश और संदीप ने किया। सत्र की शुरुआत केएचपीटी के परिचय से हुई । इसके बाद कहानी के जरिये टीबी से लड़ने के बारे में बताया गया। सभी को टीबी के लक्षण, बचाव और उसके इलाज की जानकारी दी गई। साथ ही इस बीमारी से बचाव को लेकर समाज में क्या किया जा सकता है, इसकी भी जानकारी दी गई। इसके अलावा यह भी बताया गया कि टीबी रोगियों के प्रति संवेदनशील होकर उनकी जरूरत को पूरा करने में मदद करनी चाहिए।
केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी को समाप्त करने के लिए इलाज के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर जागरूकता भी बहुत जरूरी है। लोगों में जितनी तेजी से जागरूकता बढ़ेगी उतनी ही तेजी से टीबी बीमारी समाज से खत्म होगी। जीविका दीदियों की समाज पर अच्छी पकड़ है। अधिकतर घरों में उनका आना-जाना है। इसलिए टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जीविका एक बेहतर माध्यम हो सकती है। इसी उद्देश्य से अंतीचक पंचायत में गुरुवार को जीविका दीदियों की ट्रेनिंग आयोजित की गई। उम्मीद है कि इसका व्यापक असर पड़ेगा। लोग टीबी के प्रति जागरूक होंगे।
टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरीः जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि केएचपीटी जिले में टीबी उन्मूलन में अच्छा काम कर रही है। इस तरह के आयोजन से टीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। लोगों में टीबी के प्रति जानकारी बढ़नी बहुत जरूरी है। टीबी का इलाज सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त में होता है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते तक खांसी हो, शाम को पसीना आए, लगातार बुखार रहे, बलगम के साथ खून हो इत्यादि लक्षण महसूस हो तो उसे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल चले जाना चाहिए। वहां जांच करानी चाहिए। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तत्काल इलाज शुरू कर देना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इलाज तो मुफ्त में होता ही है, साथ में दवा भी बिल्कुल मुफ्त दी जाती है। इसके अलाना जब तक इलाज चलता है, तब तक पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए भी मरीजों को दी जाती है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske