लगातार बढ़ती गर्मी के साथ ही लोगों के डायरिया से ग्रसित होने की बढ़ी संभावना

 

- आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर ओआरएस और जिंक टैबलेट करेगी वितरित 

मुंगेर-


 जिला में पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही गर्मी से बच्चों सहित अन्य लोगों के डायरिया से ग्रसित होने कि संभावना काफी बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग डायरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने कि तैयारी कर रहा  है। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर दस्त को लेकर लोगों को जागरूक करने की  प्रमुख जिम्मेदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दी गई है। आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान घर घर जाकर लोगों को डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस और जिंक टैबलेट के इस्तेमाल के लिए  जागरूक करते हुए वहां तक ओआरएस और जिंक टैबलेट भी पहुंचाएगी । 

ओआरएस और जिंक टैबलेट के इस्तेमाल से ही जिला को डायरिया मुक्त किया जा सकता-

सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने बताया कि डायरिया से होने वाली शिशु और बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सामुदायिक स्तर पर ओआरएस और जिंक टैबलेट के इस्तेमाल से ही जिला को डायरिया मुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा भोजन और पानी को ढंक कर रखना, साफ - सफाई का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है ताकि खुद को और खासकर बच्चों को डायरिया से बचाया जा सके । उन्होंने बताया कि आशा अपने क्षेत्र के सभी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों को दस्त के बारे में जानकारी देते हुए इससे बचाव के लिए ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन ( ओआरएस ) के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेंगी । उन्होंने बताया कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस और जिंक टैबलेट की  उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जायेगी ताकि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा घर घर जाकर लोगों तक इसे वितरित किया जा सके । 

डायरिया से पीड़ित को तरल पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए-

जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मो. फैजान आलम असरफी ने बताया कि पानी जैसे लगातार मल का होना, बार- बार उल्टी होना, अधिक प्यास लगना, पानी भी नहीं पचना, दस्त के साथ बुखार का होना, मल के साथ खून का आना ही डायरिया के होने का प्रमुख लक्षण है। यदि कोई व्यक्ति डायरिया से पीड़ित है तो उसके शरीर में पानी कि कमी नहीं हो इसके लिए तरल पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। केला, उबला हुआ आलू, अनार,अंगूर, संतरा आदि खट्टे फलों का सेवन करने से डायरिया से पीड़ित लोगों को काफी राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटा के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त होना डायरिया है। डायरिया जीवाणु और विषाणु के कारण तो होता ही है इसके अलावा प्रदूषित पानी, खान पान में गड़बड़ी और आंत में संक्रमण का होना भी डायरिया होने का प्रमुख कारण है। डायरिया होने पर शरीर में पानी की  कमी हो जाती है इससे शरीर काफी कमजोर हो जाता।  यदि समय पर सही इलाज नहीं मिले तो डायरिया से पीड़ित व्यक्ति की  मृत्यु तक हो सकती है। डायरिया के ये लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिखाई दे तो उसे तत्काल स्वास्थ्य संस्थानों में भर्ती कराया जाना चाहिए।


रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Swapnil Mhaske

संबंधित पोस्ट