- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
फाइलेरिया उन्मूलन • जिला में नाइट ब्लड सर्वे को लेकर कार्यशाला का आयोजन
- by
- Jun 14, 2023
- 1443 views
- जिला के 14 सत्र स्थल पर किया जाएगा सर्वे
-चयनित स्थल पर मेडिकल टीम सैंपल करेगी संग्रह
लखीसराय-
जिला में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सरकार के साथ स्थानीय स्वास्थ्य विभाग भी काफी सजग मोड में दिख रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार के दिन सदर अस्पताल के मंत्रणा हॉल में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती की अध्यक्षता में जिले के सभी लैब टेक्नीशियन के साथ नाइट ब्लड सर्वे हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अभियान हेतु पूर्व में भी 8 जून को जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सभी प्रभारी ,बीचएम एवं बीसीएम के साथ किया गया था।
इस अभियान की शुरुआत के लिए प्रस्तावित तिथि आगामी 19 जून है। जिसमे चयनित स्थल पर जाकर मेडिकल टीम बीस वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति का ब्लड संग्रह करेगी। इस बात की जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने दी। डॉ भारती ने बताया कि ये सर्वे रात के 8 बजे से लेकर रात्रि 12.00 तक किया जाना है। दरअसल फाइलेरिया का परजीवी इस बीच ही सक्रिय होता है । सर्वे जिला के सभी प्रखंड के चयनित सत्र स्थल पर किया जाएगा ।
क्यों जरूरी है नाइट ब्लड सर्वे :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया कि जब लोगों का ब्लड संग्रह कर जाँच की जाती है व अगर उस व्यक्ति के खून में फाइलेरिया का जीवाणु माइक्रोफाइलेरिया सक्रिय रहता है तो उसके बाद उस व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से 12 दिन की दवा दी जाती है। जिसके बाद वो व्यक्ति ठीक हो जाता है। फिर जब एमडीए अभियान चलाया जाता है तो दवा सेवन करने के बाद उसे कभी भी इस संक्रमण की चपेट में आने का खतरा नहीं रहता है।
फाइलेरिया के लक्षण:
कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना।
शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन।
हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)।
महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, पहले दिन में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है।
संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
बचाव :
लक्षण लगने पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें।
फाइलेरिया की दवा का सेवन पांच वर्ष तक हर साल कर बचा जा सकता है।
फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।
साफ़ सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
संबंधित पोस्ट
Follow Us On
Subscibe Latest News
SUBSCRIBE US TO GET NEWS IN MAILBOX
लाइव क्रिकेट स्कोर
शेअर मार्केट
Ticker Tape by TradingView
Stock Market by TradingView
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske