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नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का होगा क्षमतावर्धन
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- Oct 26, 2023
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-नवजात शिशुओं के मृत्यु दर में कमी लाने को स्वास्थ्यकर्मियों को किया जा रहा प्रशिक्षित
-जिले में छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
लखीसराय, 26 अक्टूबर-
जिले में नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन गुरुवार को सदर अस्पताल के मीटिंग हॉल में सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने किया। यह आयोजन दो दिन का होगा व तीन ट्रेनिंग सेशन होगा। जिसमें पहला सेशन चिकित्सकों का ,दूसरा सेशन स्टाफ नर्स एवं तीसरा सेशन एएनएम् के लिये होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने कहा इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक, पाथ संस्था एवं जिला स्वास्थ्य समिति के साझा सहयोग के साथ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य जिला ही नहीं राज्य में नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी एवं नवजात देखभाल की गुणवत्ता में क्षमतावर्धन करना है। क्योंकि यह आयोजन जिला के साथ पूरे राज्य में किया जा रहा है।
नवजात मृत्यु से निपटने को इन विषयों पर हो रही ट्रेनिंग:
जिला अपर मुख्य चिकित्सा सह प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि नवजात शिशु मृत्यु से निपटने के लिए प्रसव के उपरांत नवजात में होने वाली जटिलताओं के बेहतर प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चे, बीमारी तथा कमजोर नवजात के लिए हाईपोथर्मिया, शरीर का ठंडा रहना, वजन कम होना आदि जटिलताओं के निवारण के लिए कंगारू मदर केयर तकनीक का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल, नवजात का शीघ्र स्तनपान प्रारंभ कराना, इस प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण बिंदू हैं। इसके अलावा नवजात का शरीर नीला-पीला पड़ना, नवजात के द्वारा स्तनपान नहीं कर पाना, बार-बार उल्टी करना, अच्छी तरह ढके होने के बावजूद शरीर का ठंडा पड़ना, संक्रमण से बचाव आदि प्रशिक्षण के मुख्य हिस्सा होंगे।
नवजात शिशु मृत्यु दर में आयी है कमीः
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 (2019-20) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आयी है। एनएफएचएस 4 (2015-16) के आंकडों की तुलना में बिहार में एक हजार जीवित जन्मों पर नवजात मृत्यु दर में छह प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है। एनएफएचएस 5 में बिहार में नवजात शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 34.5 है। जबकि एनएफएचएस 4 में यह प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 36.7 था। नवजात मृत्यु दर की गणना प्रति एक हजार जीवित जन्म पर एक वर्ष से कम आयु में मरने वाले बच्चों की संख्या के रूप में की जाती है।
इस आयोजन के मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशू नारायण लाल ,डीपीसी सुनील कुमार शर्मा , आरबीएसके कंसलटेंट डॉ रविशंकर कुमार एवं पाथ संस्था से डॉ चंदन कुमार और सिद्धांत कुमार उपस्थित थे।
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Swapnil Mhaske