समुदाय तक परिवार नियोजन साधनों के सभी विकल्पों को पहुँचाना जरुरी- सुहर्ष भगत 

 
• परिवार नियोजन में निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों की भूमिका पर कार्यशाला का हुआ आयोजन 
• राज्य स्वास्थ्य समिति एवं पीएसआई इंडिया के तत्वावधान में कार्यशाला का हुआ आयोजन 
• अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, सुहर्ष भगत ने कार्यशाला का किया उद्घाटन 
 
पटना- 
 
 “परिवार नियोजन के सभी साधनों को समुदाय के आखिरी व्यक्ति तक उपलब्ध करा कर ही जनसँख्या स्थिरीकरण के सपने को साकार किया जा सकता है. परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है. परिवार नियोजन के साधनों के विकल्प के ज्यादा विकल्प लाभार्थियों को उन्हें अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं. अनमेट नीड को कम करने के लिए लोगों तक परिवार नियोजन के साधनों की पहुँच जरुरी है”, उक्त बातें अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, सुहर्ष भगत ने राज्य स्वास्थ्य समिति एवं पीएसआई इंडिया के तत्वावधान में परिवार नियोजन में निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों की भूमिका पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि राज्य की कुल प्रजनन दर में कमी लाना आवश्यक है और यह जागरूकता बढ़ाने से संभव है. कार्यशाला में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन, डॉ. ए.के.शाही, पटना सिविल सर्जन डॉ. श्रवण कुमार, वैशाली के सिविल सर्जन डॉ. श्यामनंदन प्रसाद सहित विभाग के अन्य पदाधिकारी तथा पीएसआई इंडिया के अधिकारी एवं कर्मियों, निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग क्लिनिक के प्रतिनिधि, निजी चिकित्सकों के साथ सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे. 
निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों को निभानी होगी अपनी भूमिका- डॉ. ए.के शाही 
कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. ए.के शाही, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन ने कहा कि जनसँख्या नियंत्रण कार्यक्रम में निजी क्लीनिकों द्वारा दी जा रही परिवार नियोजन सेवाओं की सटीक एवं ससमय रिपोर्टिंग आवश्यक है. एचएमआईएस पोर्टल पर निबंधन कर निजी अस्पताल एवं क्लिनिक इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें जिला क्वालिटी एशुरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना जरुरी है. उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों में विभाग एवं निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों के बीच पारदर्शिता जरुरी है. निजी सेवा प्रदाताओं से अधिक से अधिक रिपोर्टिंग आवश्यक है. डॉ.शाही ने कहा कि उम्मीद है कि इस कार्यशाला के उपरांत दोनों पक्षों के बीच समंवय बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि कोई भी नीति बनाते समय उसकी समय सीमा तय किया जाना जरुरी है.
निंजी चिकित्सकों का सहयोग जरुरी- श्रवण कुमार 
कार्यशाला में बोलते हुए डॉ. श्रवण कुमार, सिविल सर्जन, पटना ने कहा कि निजी चिकित्सक अपने निजी संस्थानों में मरीज को दवा लिखते समय उनके बच्चों की संख्या को जानने का प्रयास करें. इससे उन्हें परिवार नियोजन कार्यक्रम एवं इसके लिए उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानने की उत्सुकता जागेगी और कार्यक्रम को बल मिलेगा. कार्यशाला में वैशाली सिविल सर्जन, फोक्सी की अध्यक्ष डॉ. मीना सावंत, पीएसआई इंडिया की तकनीकी विशेषग्य डॉ. संगीता ने भी अपने विचार रखे. 
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपनिदेशक, परिवार नियोजन कार्यक्रम, निशांत कुमार ने बताया कि अभी 604 निजी संस्थान जो परिवार नियोजन की सेवाएं उपलब्ध कराते हैं एचएमआईएस पोर्टल पर निबंधित हैं. कार्यशाला में पीएमसीएच के गयानाकोलोजी विभाग की डॉ. मीना शरण एवं डॉ. रानू सिंह भी उपस्थित रहीं और अपने विचार रखे. 
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पीएसआई इंडिया के मनीष सक्सेना ने पूरे कार्यशाला के मकसद के बारे में चर्चा की और बताया कि पीएसआई इंडिया स्वास्थ्य विभाग को परिवार नियोजन कार्यक्रम अपना सहयोग करती रहेगी. इस अवसर पर नए फैमिली प्लानिंग रिकॉर्ड रजिस्टर तथा गर्भ निरोधकों के बारे में पुस्तिका का विमोचन भी किया गया.
 
 
 
 

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

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