- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
इंडी गठबंधन की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले, घटक दलों के दवाब में खड़गे की कांग्रेस
-रितेश सिन्हा की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली-
2024 में लोकसभा की आम चुनावों से पहले दिल्ली के पांच सितारा होटल में 28 दलों की इंडी गठबंधन की बैठक में मोदी और भाजपा के खिलाफ चेहरे और रणनीति बनाने पर लंबी चर्चा हुई। इंडी गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुलासा किया कि वे इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ देश भर में 10 बड़ी जनसभाएं करेंगे। 28 दलों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ अपने-अपने प्रदेशों में अपनी रणनीति का खुलासा किया। खड़गे के अनुसार इस बैठक में निर्णय किया गया कि इंडी गठबंधन को कैसे पूरे देश में मजबूत करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। बैठक में हाल में निलंबित हुए 141 सांसदों के निष्कासन पर भी चर्चा हुई मगर कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इस बैठक में खड़गे ने फिर एक बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ओर ममता बनर्जी से इंडी गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का खुद को उम्मीदवार घोषित करवा दिया।
इससे पूर्व अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन पर पुस्तक विमोचन के बहाने डीएमके, राजद और सीपीएम नेता से इस पर मोहर लगवा चुके हैं। दिल्ली के पंचसितारा होटल में आयोजित बैठक के बाद एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय चैनल द्वारा खड़गे के पीएम पद की उम्मीदवारी प्रचारित करने के बार कई कांग्रेसी नेताओं के चेहरे लाल हो गए। हमने इस संबंध में आज से 15 दिन पहले खड़गे के इस मंसूबे के बारे में खबर में आगाह भी किया था। मीडिया के माध्यम से इसको प्रचारित कराने में खड़गे की टीम पूरी ताकत भिड़ाए हुए है। इनमें गुरदीप सिंह सपल, प्रणव झा, पूर्व में वरिष्ठ पत्रकार रहे और अब विशेष कार्याधिकारी बने अरविंद सिंह की महती भूमिका कही जा रही है। सपल तो राज्यसभा टीवी के सीईओ भी रह चुके हैं और बड़े मीडिया घरानों पर उनकी सीधी पकड़ है। कांग्रेस की मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश, सुप्रिया श्रीनेत और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला भी हक्के-बक्के हैं। खबर लिखे जाने तक इस सूचना पर इनकी कोई प्रतिकिया नहीं आई है।
बैठक में उपस्थित और नाम न छापने की शर्त पर घटक दल के एक नेता ने बताया कि सीट बंटवारे को लेकर की तारीख तय कर ली गई है। 31 दिसंबर तक सभी घटक दल अपने-अपने राज्यों से अपना-अपना दावा पेश कर देंगे। बिहार में कांग्रेस को साफ करने का जिम्मा उठाए हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ये दावा कर रहे हैं कि हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे लेकिन राजद कितनी सीटें देंगी इसका कोई अता-पता नहीं। कांग्रेस 1 सीट किशनगंज पर काबिज है। 1 सीट सासाराम के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम पर देने पर सहमति है। राजद के सूत्रों ने बताया कि 1 सीट पर डील चल रही है। कटिहार संसदीय सीट के लिए सूत्रों ने बताया कि वो सीट जदयू के पास है, लिहाजा तारिक अनवर को विधान परिषद में भेजकर कांग्रेस को संतुष्ट कर देंगे। हम हर सीट पर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती पेश करना चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए और केंद्र में हम उनको सरकार बनाने में पूरी मदद करेंगे। हमें भाजपा और नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर रखना है।
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद खड़गे की कांग्रेस इस बैठक में काफी दवाब में दिखी। इसको भांपते हुए घटक दलों ने भाजपा को हराने और मोदी को हटाने के अपने एजेंडे को लेकर कांग्रेस को दवाब में ला दिया। यही वजह है कि पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को केवल 3 सीटों पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने सिमटने को कहा है, जिस पर खड़गे की लगभग सहमति मिल चुकी है। आप पार्टी की शर्त को मान लेने के बाद ही खड़गे के नाम को केजरीवाल की तरफ से प्रस्तावित किया गया। यही हाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किया। वहां भी कांग्रेस को दो सीटों पर समेटने की पूरी तैयारी हो चुकी है। 1 सीट कांग्रेस के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के लिए और 1 सीट डीपी राय के लिए छोड़ने को तैयार है। कांग्रेस के लिए तीसरी सीट पर दीपा दास मुशी के नाम को टीएमसी ने एक सिरे से खारिज कर दिया है।
पांच राज्यों के चुनाव के बाद कांग्रेस के हौसले पस्त को देखते हुए इंडी गठबंधन भाजपा के मुकाबले 1 सीट पर 1 उम्मीदवार के नाम पर सहमति जुटाने में जुटा है। 2024 के चुनावों में वोटों के बंटवारे को रोकने पर खासा जोर दिया जा रहा है। दिल्ली में इस बैठक के बाद सहमति बनी कि संयुक्त रूप से प्रचार अभियान चलाया जाएगा जिसमें सब मिलकर प्रचार करेंगे। भाजपा के खिलाफ देश भर में माहौल बनाएंगे। सीटों के बंटवारे में कांग्रेस के हाथ 150 सीटें भी लग पाएंगी, ये टेढ़ा सवाल पार्टी के समक्ष भी है। खड़गे और उनकी टीम कांग्रेस में अधिक से अधिक दलित सीटों पर लड़ना चाहती है ताकि गठबंधन की जीत के बाद दलित के नाम पर खडगे के नाम को प्रस्तावित किया जा सके। खड़गे ने सीटों के बंटवारे के लिए जो पांच सदस्यीय समिति बनायी है, उसमें राहुल के वफादारों को कोई जगह नहीं मिली है।
1977 में जनता पार्टी की आंधी में विधानसभा पहुंचने वाले मोहन प्रकाश उसके बाद किसी सदन का मुंह नहीं देख सकें, अब इस समिति का अहम हिस्सा हैं। वहीं मुकुल वासनिक जो चुनाव जीता कैसे जाता है, इसका गणित भूल चुके हैं, वे भी इसमें शामिल किए गए हैं। भूपेश बघेल जो अपने कार्यकाल में जमकर अगड़ी जातियों को कोसते रहे, उनको खड़गे ने खास जगह दी है। आपको बता दें कि बघेल छत्तीसगढ़ में 17 ब्राह्मणों को टिकट दिया जिसमें केवल 2 जीते। वहीं सत्ता से दूर मानी जा रही भाजपा ने 18 ब्राह्मणों को टिकट दिया जिसमें 16 जीते। इसका सारा श्रेय भूपेश बघेल और उनके परिवार को जाता है। एक नाम राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी है जिन्होंने पिछड़ी मानसिकता के साथ पवन कुमार बंसल और दिग्विजय सिंह के नाम को पीछे धकेलते हुए खड़गे के नाम को आगे बढ़ाया था। इन दोनों पर राहुल ने दांव लगाया था, मगर गहलोत को जगह मिली। सलमान खुर्शीद जो बामुश्किल 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु की लहर में और 2009 में गठबंधन के बूते चुनाव जीते थे, वे भी समिति का हिस्सा हैं। वकालत में अच्छा-खास अनुभव रखने वाले सलमान खुर्शीद राजनीतिक रूप से आज भी अपनी पत्नी लुईस और जेनएयू के तेजतर्रार नेता रहे शमीम अख्तर के भरोसे हैं। ये पांचों दिग्गज क्या कुछ कर पाएंगे, ये भगवान भरोसे है। सीटों के बंटवारे के बाद कांग्रेसी नेताओं की समझदारी और कलाकारी सबसे सामने होगी।
संबंधित पोस्ट
Follow Us On
Subscibe Latest News
SUBSCRIBE US TO GET NEWS IN MAILBOX
लाइव क्रिकेट स्कोर
शेअर मार्केट
Ticker Tape by TradingView
Stock Market by TradingView
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar