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12वीं के बाद मेडिकल करियर: संभावनाओं का खजाना-डॉ नयन प्रकाश गाँधी ,इंटरनेशनल करियर कोच
डॉक्टर बनने से परे, मेडिकल क्षेत्र में रोमांचक करियर विकल्पों की दुनिया आपके इंतजार में है
बच्चो को समझना होगा एमबीबीएस सरकारी कॉलेज सीट मिलना ही जीवन नहीं है कम स्कोर वाले घबराये नहीं बीएएमएस ,बीडीएस ,बीएससी नर्सिंग टॉप कॉलेज से करके आगे आई आई पीएच ,आई आई पीएस ,टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज ,आईआईएचएमआर आदि अनेको उच्च स्तरीय संस्थानों से पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन ,फार्मासूटिकल मैनेजमेंट ,बायो स्टेटिस्टिक्स ,बयोटेक्नोलॉजी आदि में करियर बनाया जा सकता है
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- पेरेंट्स को चाहिए की किसी भी करियर का चयन से पूर्व प्रशिक्षित अनुभवी करियर काउंसलर से सलाह ले और अपने बच्चो के आवश्यक रूचि ,कार्य कौशल पर भी ध्यान दे।
- नीट में कम मार्क्स प्राप्त करने वालो के लिए आयुर्वेदिक ,होम्योपैथिक ,रेडियोग्राफी, बीडीएस आदि कई विकल्प है मौजूद
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12वीं कक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, जहाँ छात्र अपने भविष्य के लिए चुनाव करते हैं। कुछ छात्र डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट या अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवर बनने का सपना देखते हैं।यह एक नेक सपना है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में करियर आपको लोगों की मदद करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर प्रदान करता है।लेकिन 12वीं के बाद मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में छात्रों को अक्सर जानकारी नहीं होती है।हमारे देश में करियर के लिहाज से मेडिकल क्षेत्र सबसे बेहतर माना जाता है। इसलिए हर वर्ष करोड़ो युवा इस क्षेत्र में अपने करियर को दिशा देने के लिए बहुत से कोर्सेज में दाखिला लेते हैं।
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1.डॉक्टर:
शिक्षा: एमबीबीएस (5.5 साल) और उसके बाद एमडी/एमएस (3 साल)
काम: रोगों का निदान और इलाज करना, सर्जरी करना, रोगियों की देखभाल करना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, रोगों का निदान करने की क्षमता, सर्जिकल कौशल, रोगियों के साथ संवाद करने की क्षमता
वेतन: ₹50,000 - ₹1,00,000 प्रति माह (शुरुआत)
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1.डॉक्टर:
शिक्षा: एमबीबीएस (5.5 साल) और उसके बाद एमडी/एमएस (3 साल)
काम: रोगों का निदान और इलाज करना, सर्जरी करना, रोगियों की देखभाल करना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, रोगों का निदान करने की क्षमता, सर्जिकल कौशल, रोगियों के साथ संवाद करने की क्षमता
वेतन: ₹50,000 - ₹1,00,000 प्रति माह (शुरुआत)
2.बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS):
शिक्षा: 5.5 साल का कोर्स
काम: आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से रोगों का निदान और इलाज करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
शिक्षा: 5.5 साल का कोर्स
काम: आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से रोगों का निदान और इलाज करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
3. बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS):
शिक्षा: 5.5 साल का कोर्स
काम: होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से रोगों का निदान और इलाज करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
4. बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS):
शिक्षा: 4 साल का कोर्स
काम: दांतों और मसूड़ों से संबंधित रोगों का निदान और इलाज करना, दांतों का सफाई और सर्जरी करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
5. B.Sc. Nursing:
शिक्षा: 4 साल का कोर्स
काम: डॉक्टरों के निर्देशानुसार रोगियों की देखभाल करना, दवाएं देना, इंजेक्शन लगाना, रोगियों की स्थिति पर नज़र रखना
योग्यता: 12वीं में विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं
6. B.Sc. Radiography:
शिक्षा: 3 साल का कोर्स
काम: एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके रोगों का निदान करना
योग्यता: 12वीं में विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाएं
शिक्षा: 5.5 साल का कोर्स
काम: होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से रोगों का निदान और इलाज करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
4. बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS):
शिक्षा: 4 साल का कोर्स
काम: दांतों और मसूड़ों से संबंधित रोगों का निदान और इलाज करना, दांतों का सफाई और सर्जरी करना
योग्यता: 12वीं में जीव विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा)
5. B.Sc. Nursing:
शिक्षा: 4 साल का कोर्स
काम: डॉक्टरों के निर्देशानुसार रोगियों की देखभाल करना, दवाएं देना, इंजेक्शन लगाना, रोगियों की स्थिति पर नज़र रखना
योग्यता: 12वीं में विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं
6. B.Sc. Radiography:
शिक्षा: 3 साल का कोर्स
काम: एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके रोगों का निदान करना
योग्यता: 12वीं में विज्ञान विषय के साथ न्यूनतम 50% अंक
प्रवेश परीक्षा: विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाएं
7.नर्स:
शिक्षा: जीएनएम (3 साल) या बीएससी नर्सिंग (4 साल)
काम: डॉक्टरों के निर्देशानुसार रोगियों की देखभाल करना, दवाएं देना, इंजेक्शन लगाना, रोगियों की स्थिति पर नज़र रखना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, रोगियों की देखभाल करने की क्षमता, संचार कौशल, धैर्य, सहानुभूति
वेतन: ₹20,000 - ₹50,000 प्रति माह (शुरुआत)
8.फार्मासिस्ट:
शिक्षा: डी.फार्म (2 साल) या बी.फार्म (4 साल)
काम: दवाइयों का वितरण करना, डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन को समझना और रोगियों को दवाओं के बारे में जानकारी देना, दवाइयों का स्टॉक रखना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, दवाइयों के बारे में जानकारी, रोगियों के साथ संवाद करने की क्षमता, संगठनात्मक कौशल
वेतन: ₹15,000 - ₹40,000 प्रति माह (शुरुआत)।
इनके अलावा, 12वीं के बाद मेडिकल क्षेत्र में कई अन्य करियर विकल्प भी उपलब्ध हैं, जैसे: फिजियोथेरेपिस्ट,ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट,स्पीच थेरेपिस्ट,पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट न्यूट्रिशनिस्ट,लैब टेक्नीशियनआपके लिए कौन सा करियर विकल्प सही है? ह आपके रुचि, कौशल और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।यदि आप रोगों का निदान और इलाज करना चाहते हैं और लोगों की जान बचाना चाहते हैं, तो डॉक्टर बनना आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।यदि आप रोगियों की सीधे देखभाल करना चाहते हैं और उन्हें सहारा देना चाहते हैं, तो नर्सिंग या फिजियोथेरेपी जैसे क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं।12वीं के बाद मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के कई शानदार विकल्प उपलब्ध हैं। चाहे आप डॉक्टर बनना चाहते हैं, नर्स, फार्मासिस्ट, आयुर्वेदिक चिकित्सक, होम्योपैथिक चिकित्सक, दंत चिकित्सक, रेडियोग्राफर, या कोई अन्य मेडिकल प्रोफेशनल, आपके लिए अवसरों की कमी नहीं होगी।यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन यह आपको लोगों की मदद करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर प्रदान करता है।अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें, और आप निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेंगे।पेरेंट्स को चाहिए की किसी भी करियर का चयन से पूर्व प्रशिक्षित अनुभवी करियर काउंसलर से सलाह ले और अपने बच्चो के आवश्यक रूचि ,कार्य कौशल पर भी ध्यान दे।हमारे देश में मेडिकल के क्षेत्र में एमबीबीएस को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त होता है। 12वीं करने के बाद ही आप एमबीबीएस यानी की बैचलर ऑफ मेडिसिन एन्ड बैचलर ऑफ सर्जरी में दाखिला ले सकते हैं। यह पांच वर्षीय कोर्स होता है। इसमें चार वर्ष की पढ़ाई और एक वर्ष की इंटर्नशिप होती है। एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए आपको नीट की परीक्षा पास करनी होती है.एमबीबीएस के बाद बीडीएस को भी भी अच्छा विकल्प माना जाता है। इसमें दांतो के डॉक्टर बनने की पढ़ाई होती है। बीडीएस को बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी के नाम से जाना जाता है। बीडीएस में प्रवेश के लिए भी नीट की परीक्षा पास करनी होती है।अगर आप नीट की परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं तो बीएससी नर्सिंग आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इसमें आप नर्सिंग से संबंधित पढ़ाई कर सकते हैं।इन सबके अलावा भी मेडिकल क्षेत्र में बहुत से कोर्स मौजूद हैं जिनमें आप 12वीं करने के बाद ही प्रवेश ले सकते हैं। इसमें बीफार्मा और उसके बाद डीफॉर्मा, बीएएमएस,बीयूएमएस बीटीपी जैसे कोर्सेज में भी दाखिला लेकर मेडिकल क्षेत्र में नाम कमा सकते हैं।आपके लिए कौन सा रास्ता सही है?यह आपके रुचि, कौशल और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।यदि आप रोगों का निदान और इलाज करना चाहते हैं और लोगों की जान बचाना चाहते हैं, तो डॉक्टर बनना आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।यदि आप रोगियों की सीधे देखभाल करना चाहते हैं और उन्हें सहारा देना चाहते हैं, तो नर्स बनना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।यदि आप दवाइयों और उनके कामकाज में रुचि रखते हैं और लोगों को सही दवाइयां प्रदान करना चाहते हैं, तो फार्मासिस्ट बनना आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।12वीं में जीव विज्ञान या विज्ञान और गणित विषय चुनने वाले छात्रों के लिए मेडिकल क्षेत्र में कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं।निशुल्क ऑनलाइन करियर मार्गदर्शन हेतु ईमेल आईडी globalcareernlpcoach@gmail.com पर सम्पर्क कर सकते है.
शिक्षा: जीएनएम (3 साल) या बीएससी नर्सिंग (4 साल)
काम: डॉक्टरों के निर्देशानुसार रोगियों की देखभाल करना, दवाएं देना, इंजेक्शन लगाना, रोगियों की स्थिति पर नज़र रखना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, रोगियों की देखभाल करने की क्षमता, संचार कौशल, धैर्य, सहानुभूति
वेतन: ₹20,000 - ₹50,000 प्रति माह (शुरुआत)
8.फार्मासिस्ट:
शिक्षा: डी.फार्म (2 साल) या बी.फार्म (4 साल)
काम: दवाइयों का वितरण करना, डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन को समझना और रोगियों को दवाओं के बारे में जानकारी देना, दवाइयों का स्टॉक रखना
कौशल: मेडिकल ज्ञान, दवाइयों के बारे में जानकारी, रोगियों के साथ संवाद करने की क्षमता, संगठनात्मक कौशल
वेतन: ₹15,000 - ₹40,000 प्रति माह (शुरुआत)।
इनके अलावा, 12वीं के बाद मेडिकल क्षेत्र में कई अन्य करियर विकल्प भी उपलब्ध हैं, जैसे: फिजियोथेरेपिस्ट,ऑक्यूपे
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