जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर सिविल सर्जन, डीपीएम सहित अन्य अधिकारियों ने किया स्टॉप डायरिया कैंपेन का शुभारंभ

शिशु का रोटा वायरस और खसरा का टीकाकरण सही समय पर कराना जरूरी

- सदर अस्पताल परिसर स्थित न्यू फैब्रिकेटेड पीकू अस्पताल से डायरिया जागरुकता को लेकर निकला गया जागरुकता रथ

- जिला भर में आगामी 22 सितंबर तक डायरिया जागरुकता के लिए चलेगा स्टॉप डायरिया कैंपेन


मुंगेर-

बुधवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित 32 बेड के न्यू फैब्रिकेटेड पीकू अस्पताल से जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा, डीपीएम मो. फैजान आलम अशरफी सहित कई अधिकारियों ने किया स्टॉप डायरिया कैंपेन का शुभारंभ किया । इसके साथ ही जिला के सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर में स्टॉप डायरिया कैंपेन शुरू हो गया । यह अभियान आगामी 22 सितंबर तक चलेगा। इस अवसर पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज, जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार, संदीप कुमार यादव, डिस्ट्रिक्ट अकाउंट मैनेजर सहित स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के जिला प्रतिनिधि कौशल कुमार सिंह , अमित कुमार , यूनिसेफ, सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

दस्त की पहचान करना जरूरी:
इस अवसर पर अस्पताल में बच्चों के ईलाज के लिए उनके साथ आये परिजनों को ओआरएस के पैकेट दिये और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि रक्षा, रोकथाम और उपचार के साथ बच्चों को डायरिया से बचाव करना बहुत ही आवश्यक है। सामान्य से ज्यादा बार पतला मल होना, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो, दस्त कहलाता है। दस्त से शरीर में पानी एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में तुरंत आशाकर्मी या स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम से संपर्क करें। अभियान के दौरान आशा के द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घरों में ओआरएस का पैकेट नि:शुल्क वितरण किया जायेगा।

डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस और जिंक टेबलेट :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डीपीएम मो. फैजान आलम अशरफी ने बताया कि रोटा वायरस के संक्रमण के कारण डायरिया होता है। पांच वर्ष से कम उम्र के शिशुओं कि मौत की एक बड़ी वजह डायरिया है। बच्चों को बाहरी दूध पिलाने से बचें। बच्चों को शौच के बाद और खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की जानकारी दें तथा इसका पालन करवायें। माताएं खाना बनाने से पहले और शिशु के मल साफ करने के बाद हाथ साबुन से जरूर धोयें। डायरिया से बचाव के लिए माताएं पूरी सफाई का ध्यान रखते हुए शिशुओं को नियमित स्तनपान कराती रहें। उन्होंने बताया कि शिशु को जन्म के छह माह तक मां का दूध पिलायें। छह माह के बाद शिशु को उम्र के अनुसार संपूर्ण पौष्टिक आहार खिलाना चाहिए। पांच साल तक हर छह माह पर विटामिन ए की खुराक देनी है। इसके अलावा शिशु को रोटा वायरस और खसरा का टीकाकरण सही समय पर कराना है। दस्त हो जाने पर बच्चे को ओआएस का घोल पिलाने के साथ चौदह दिनों तक जिंक की गोली दें।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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