संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज में कांटेक्ट ट्रेसिंग अहम्

 

• टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन टारगेट को कम से कम 90 प्रतिशत प्राप्त करना अनिवार्य
• संदिग्ध मरीजों की खोज में टीबी चैंपियंस की भूमिका प्रशंसनीय

पटना-

टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई कदम उठा रहा है. राज्य यक्ष्मा सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में ज्यादा से ज्यादा जांच के लिए उपकरणों की उपलब्धता, बलगम जांच की उपलब्धता का विस्तार, लैब तकनीशियन का नियमित क्षमतावार्धन, समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए नियमित अंतराल पर गतिविधियों का आयोजन जैसे कदम उठाकर स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य सरकार टीबी उन्मूलन की लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है. सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर इसके लिए टीबी मरीजों की लाइन लिस्टिंग तैयार की जा रही है. उनके संपर्क में रहने वाले घर के लोगों से संपर्क कर जांच करने का प्रयास किया जा रहा है. निक्षय पोषण योजना के लाभुकों को समय से भुगतान करने का भी प्रयास किया जा रहा है.
90 प्रतिशत किया जाए टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन:
टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन टारगेट को कम से कम 90 प्रतिशत करने में सभी का सहयोग लिया जा रहा है. सभी सीएचओ को निर्देश दिया गया है कि उपचाराधीन मरीजों के घर जाकर फॉलो अप करें. सभी जिलों में कम से कम एक लैब तकनीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है एवं नियमित अंतराल पर उनका उन्मुखीकरण किया जा रहा है. प्रिसमटिव टीबी एग्जामिनेशन रेट एवं ट्रीटमेंट सक्सेस रेट को बढ़ाने के साथ इसकी प्रविष्टि पोर्टल पर ससमय करने का प्रयास किया जा रहा है.
टीबी चैंपियंस की भूमिका प्रशंसनीय:
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में टीबी चैंपियंस अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं. कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी चैंपियंस स्पुटम केरियर की भूमिका निभा रहे हैं. स्पुटम लेकर नजदीकी जांच केंद्र पर पहुंचा कर संदिग्ध मरीजों की पहचान करने एवं समुदाय को रोग के बारे में जागरूक करने में उनका योगदान सराहनीय है. भोजपुर की टीबी चैंपियन अंजना बताती हैं कि संदिग्ध मरीजों की जांच में सहयोग करने के अलावा उनके घर का नियमित फॉलो अप कर यह सनिश्चित करती हैं कि मरीज दिए गया दवा का नियमानुसार सेवन कर रहे हैं एवं साथ में पौष्टिक भोजन का सेवन कर रहे हैं. टीबी मुक्त वाहिनी, बिहार के सचिव सुधेश्वर सिंह बताते हैं कि टीबी चैंपियंस क्यूंकि स्वयं बीमारी से गुजर चुके होते हैं इससे लोगों को जागृत करने में उन्हें मदद मिलती है. लोग उनसे जल्दी एकाकार होकर उनकी बातों को सुनते और समझते हैं. उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त वाहिनी टीबी चैंपियंस का देश का पहला रजिस्टर्ड नेटवर्क है और बिहार के 35 जिलों में 789 टीबी चैंपियन इससे जुड़े हैं.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट