- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

कोरोना के साथ बारिश के मौसम में बढ़ी डायरिया की संभावना, रहें सावधान
सही प्रबंधन डायरिया से करेगी बचाव
लखीसराय,18अगस्त 2020: कोरोना संक्रमण के बीच बरसात के मौसम में डायरिया का खतरा बढ़ गया है. इसलिए कोरोना के साथ इससे बचने के लिए हमें अधिक सावधान रहने की जरूरत है। विशेषकर नवजातों एवं बच्चों में डायरिया का खतरा अधिक होता है एवं इनकी उचित देखभाल भी समान रूप से जरुरी होती है. इससे बचाव के लिए डायरिया की रोकथाम एवं इसके प्रबंधन के प्रति सजगता से हमें अस्पताल जाने से निजात मिल सकती है। दरअसल बदलते मौसम में डायरिया का प्रकोप फैलने की प्रबल संभावना हो जाती है, जिससे कोई भी ग्रसित हो सकता है. डायरिया के कारण अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन)होने से समस्याएँ बढ़ जाती है और उचित प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। शिशु मृत्यु दर के कारणों में डायरिया भी एक प्रमुख कारण है।इसके लिए डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता एवं सही समय पर उचित प्रबंधन कर बच्चों को डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है।
डायरिया से बचाव के लिए बच्चों का रखें विशेष ख्याल:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया डायरिया से बचाव के लिए नवजात बच्चों का विशेष ख्याल रखें। उन्हें नियमित रूप से छः माह तक सिर्फ स्तनपान कराऐ।इससे डायरिया जैसी बीमारी से शिशु का बचाव होता है। डायरिया के लक्षण का पता चलते ही तुरंत ससमय चिकित्सकों से दिखाएँ। चिकित्सा परामर्श के अनुरूप उचित इलाज कराऐ।साथ ही घर एवं आसपास के परिसर की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और भोजन बनाने और खाने समय साफ-सफाई रखने के अलावा शुद्ध जल का सेवन अनिवार्य है। ओआरएस एवं जिंक घोल निर्जलीकरण से वचाव करता है।हमेशा ओआरस एवं जिंक की गोली घर पर जरुर रखें।
शरीर में पानी की नहीं होने दें कमी:
बारिश के मौसम में डायरिया का खतरा सबसे अधिक रहता है। दस्त के कारण पानी के साथ जरूरी एल्क्ट्रोलाइट्स (सोडियम,पोटैशियम,क्लोराइड एवं बाईकार्बोनेट)का तेजी से ह्रास होता है। बच्चों में इसकी कमी को दूर करने के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सलूलन(ओआरएस) एवं जिंक घोल दिया जाता है।विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटे के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त आना डायरिया है।शरीर में पानी की कमी से यह बीमारी होती है। इसलिए बच्चों को इससे बचाने के लिए सजग रहना चाहिए।इस बात का ध्यान देते रहना चाहिए कि बच्चों में पानी की कमी नहीं हो।यदि संभव हो तो ओआरएस का घोल नियमित तौर पर बच्चे को देना चाहिए
संबंधित पोस्ट
Follow Us On
Subscibe Latest News
SUBSCRIBE US TO GET NEWS IN MAILBOX
लाइव क्रिकेट स्कोर
शेअर मार्केट
Ticker Tape by TradingView
Stock Market by TradingView
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Premier World (Admin)