- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
जिले में कालाजार रोगियों की पहचान के लिए सर्वे का काम हुआ पूरा
- by
- Sep 03, 2020
- 2202 views
पीरपैंती प्रखंड में सिर्फ चार उपचाराधीन कालाजार मरीजों की हुई पहचान
उपचाराधीन व्यक्तियों की होगी जांच और गांव में जल्द किया जाएगा छिड़काव
भागलपुर, 3 सितंबर
जिले के 13 प्रखंडों में कालाजार रोगियों की पहचान के लिए सर्वे का काम बुधवार को पूरा हो गया. 1 सप्ताह तक चले सर्वे में सिर्फ पीरपैंती प्रखंड में चार उपचाराधीन मरीज की पहचान हुई है, जिनकी जांच की जानी है. इस दौरान सनौला प्रखंड में भी कुछ लक्षण वाले व्यक्ति पाए गए थे, लेकिन जांच में कालाजार की पुष्टि नहीं हुई. मालूम हो कि 25 अगस्त से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान के लिए सर्वे का कार्य कर रही थी. अब स्वास्थ्यकर्मी गांवों में नली, नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव का काम करेंगे.
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों में माइक्रोप्लान के तहत फिर से सर्वे का काम किया गया. उन्होंने बताया जिले के 12 प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वे का काम किया. इस काम में केयर इंडिया की टीम ने भी सहयोग किया है. जिले के 4 प्रखंड कालाजार से मुक्त है, इसलिए वहां सर्वे का काम नहीं गया.
सर्वे टीम में एक आशा कार्यकर्ता व एक फैसिलिटेटर थी शामिल : केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कालाजार रोगियों की पहचान के लिए सर्वे कर रही टीम में एक आशा कार्यकर्ता और एक आशा फैसिलिटेटर थी. इन लोगों को एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया था, जिसे गांव वालों से जानकारी लेकर भरना था. व्यक्ति का नाम, गांव का नाम, पंचायत का नाम और अगर उस व्यक्ति में कोई बीमारी का लक्षण है तो उसे भी फार्म में दर्ज करना था.
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें:
डॉ पटेल ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.
कालाजार की ऐसे करें पहचान: डॉ पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज .को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते है. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए तथा रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए.
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Premier World (Admin)