एचडब्ल्यूसी के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जोर

 

• राज्य में 10 हजार से अधिक एचडब्ल्यूसी क्रियाशील
• 2020-21 से हर वर्ष औसतन 1,500 से अधिक नए एचडब्ल्यूसी क्रियाशील

पटना:

बिहार ने 10,322 एचडब्ल्यूसी को क्रियाशील कर ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवा को मजबूत किया है। 2019-20 में जहाँ मात्र 795 एचडब्ल्यूसी सक्रिय थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या 10,322 तक पहुँच गई है। इस अवधि में राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एचडब्ल्यूसी के विस्तार को प्राथमिकता दी है, जिससे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ आम लोगों तक पहुँच रही हैं।
2020-21 से हर वर्ष औसतन 1,500 से अधिक नए एचडब्ल्यूसी हुए क्रियाशील
एचडब्ल्यूसी पोर्टल के 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, 8,733 केंद्र स्वास्थ्य उप-केंद्र (एचएससी) पर, 1,261 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) पर, 106 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) पर और 222 आयुष-एचडब्ल्यूसी के तहत कार्यरत हैं। 2020-21 से हर वर्ष औसतन 1,500 से अधिक नए एचडब्ल्यूसी क्रियाशील किए गए हैं, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, गैर-संक्रामक रोगों की जाँच और बेहतर प्राथमिक देखभाल को बढ़ावा मिला है।
सामुदायिक स्वास्थ्य को मजबूत करने पर जोर
इस उपलब्धि पर बात करते हुए डॉ. बी.के. मिश्रा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (एसपीओ) , एचडब्ल्यूसी, ने कहा कि बिहार में 10,000 से अधिक एचडब्ल्यूसी को क्रियाशील करना हमारे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। ये केंद्र गर्भवती महिलाओं की देखभाल, टीकाकरण, उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच, टेली-परामर्श सेवाएं सहित व्यापक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। यह पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि स्वास्थ्य सेवाएँ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।”
डॉ. महताब, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के राष्ट्रीय मूल्यांकनकर्ता, ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर कहा कि एचडब्ल्यूसी के माध्यम से बिहार ने निवारक और उपचारात्मक सेवाओं का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है। इन केंद्रों की मदद से मातृ स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार हो रहा है और टीकाकरण कवरेज बढ़ रहा है। इसके अलावा, एनक्यूएएस प्रमाणन पर ध्यान केंद्रित करने से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन केंद्रों में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ उपलब्ध हों, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक प्रभावी और भरोसेमंद बनें.
डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, गार्डिनर रोड अस्पताल,पटना ने कहा कि एचडब्ल्यूसी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एचडब्ल्यूसी अब मातृ स्वास्थ्य जांच, सुरक्षित प्रसव प्रथाओं और सामान्य बीमारियों के इलाज जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। इसके कारण अस्पतालों में अनावश्यक भार कम हुआ है। इस पहल से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिल रही है, जिससे बिहार में बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित हो रहे हैं।
बिहार में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ, एचडब्ल्यूसी की सफलता सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सभी नागरिकों का मौलिक अधिकार बनी रहे।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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