कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में नियमों का करें पालन, रहें सतर्क


लापरवाही बरतने पर दोबारा आ सकते हैं कोरोना की चपेट में 

किसी तरह की परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर से करें संपर्क


भागलपुर, 5 अक्टूबर


कोरोना पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर पर काम कर रहा है. जिले में जगह-जगह जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. शिविर में जांच के बाद लक्षण वाले गंभीर मरीजों को कोविड केयर सेंटर या फिर मायागंज अस्पताल में भर्ती किया जाता है. साथ ही जो बिना लक्षण वाले मरीज होते हैं उन्हें होम आइसोलेशन में भेजा जाता है. ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही सरकारी गाइडलाइन का भी पालन करने की आवश्यकता है. ऐसा नहीं करने से वह दोबारा कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. साथ ही घर के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं. इसलिए होम आइसोलेशन में रहते वक्त सरकार की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.


मायागंज अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल प्रभारी डॉ हेमशंकर शर्मा का कहना है कि जिले में अब तक 13 से अधिक मरीज दोबारा कोरोना की चपेट में आए हैं. यह सभी वैसे मरीज हैं, जिनमें लक्षण नहीं थे. अभी तक लक्षण वाले किसी मरीज के दोबारा कोरोना की चपेट में आने की बात सामने नहीं आई है. हालांकि लक्षण वाले मरीज दोबारा कोरोना की चपेट में नहीं आएंगे इसकी गारंटी नहीं है, लेकिन बिना लक्षण वाले घर में अगर लापरवाही बरतते हैं तो उनमें दोबारा कोरोना होने का खतरा  अधिक रहता है. साथ ही उनके घर के अन्य सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. दरअसल, कुछ लोग यह मान बैठते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद उनमें एंटीबॉडी विकसित हो गई है जो कि पूरी तरह से सही नहीं है. अगर आप घर में रहते वक्त सरकार की गाइडलाइन का पालन करेंगे और दवा का सही से सेवन करेंगे तभी आपमें एंटीबॉडी विकसित होती है. इसलिए कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में लापरवाही नहीं करनी चाहिए.


40 दिन के बाद शरीर के अंदर एंटीबॉडी भी खत्म होने लगती है: डॉक्टर शर्मा कहते हैं कि अगर कोरोना मरीज ठीक हो गए हैं और उनमें एंटीबॉडी विकसित भी हो गई है तो 40 दिन के बाद यह खत्म होने लगती है. इसके बाद उस व्यक्ति के दोबारा संक्रमण की जद में आने की आशंका रहती है. इसलिए यह तो बिल्कुल भी नहीं मान लें कि अगर हम एक बार कोरोना से ठीक हो गए हैं तो दोबारा नहीं होगा.


घर में सरकार की गाइडलाइन का करें पालन: कोरोना मरीज को जब होम आइसोलेशन मे भेजा जाता है तो उन्हें सरकार की गाइडलाइन के बारे में बताया जाता है. साथ ही एक किट भी दिया जाता है. किट में दवा के साथ मास्क, ग्लव्स और अन्य जरूरी सामान रहते हैं. मरीज को दवा का कैसे इस्तेमाल करना है, यह भी बताया जाता है. इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. इसके बावजूद अगर मरीजों को समझने में कोई परेशानी है तो वह डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं.


घर के सदस्यों से दूरी बनाकर रहें: होम आइसोलेशन के बाद कोरोना के मरीज को घर के दूसरे सदस्यों से दूरी बनाकर रहना चाहिए. इससे उनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं होगा. हमेशा मास्क पहनते रहना चाहिए. मास्क अगर गीली हो जाए तो उसे तत्काल बदल लेना चाहिए.इससे वह तो सुरक्षित रहेंगे ही घर के अन्य सदस्य भी कोरोना से सुरक्षित रहेंगे

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